
नॉर्थ सेंटिनल द्वीप भारत के केन्द्र – शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार के अंडमान द्वीप समूह का एक द्वीप है, यह द्वीप प्रशासनिक रूप से दक्षिण अंडमान जिले का भाग है, जो की बंगाल की खाड़ी मै स्थित है| इस द्वीप का क्षेत्रफल 59.67 km है, तथा इसकी लम्बाई 7.8 km है, इस द्वीप की अधिकतम उचाई 122 मीटर है, इस द्वीप पर लगभग 60 हजार सालो से इन्सान रह रहे है|
त्रिलोकनाथ पंडित नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड में – Triloknath Pandit in North Sentinel Island

मानव वज्ञानिक त्रिलोकनाथ पंडित 1966 से 1991 के बिच नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड पर जाने वाले पहले व्यक्ति थे| पहली बार त्रिलोकनाथ पंडित अपनी टीम के साथ आइलैंड पर गये वो अपने साथ नारियल और कुछ लोहे के टुकड़े आदिवासियों को देने के लिए ले गये| जिसे उन्होंने आदिवासियों को उपहार के तौर पर दिया और उनसे संपर्क अस्थपित करने में कामयाब रहे, वे अपनी टीम के साथ आदिवासियों के घरो को देखने में भी कामयाब रहे, वहाँ पर कुछ झोपड़िया और तीर कमान भाले थे, त्रिलोकनाथ पंडित बताते है, की उन आदिवासियों को नारियल काफी पसंद है, पर उस आइलैंड पर नारियल नहीं होता है|
अंडमान जनजाति द्वारा कोस्ट गार्ड के हेलीकॉप्टर हमला – Coast Guard helicopter attacked by Andaman tribe

साल 2004 में आई सुनामी के वक्त सरकार ने कोस्ट गार्ड के हेलीकॉप्टर सेंटिनल द्वीप पर भेजे थे, ताकि आदिवासियों की सहायता की जा सके लकिन आदिवासियों ने हेलीकॉप्टर पर तीर से हमला कर दिया, जिसके कारन उन्हें वापिस लोटना पड़ा पर वो सरे सुनामी से सुरक्षित थे|
जॉन एलन चाऊ – John Allen Chau

साल 2018 में इस द्वीप पर रहने वाले आदिवासियों द्वारा एक अमेरीकी व्यक्ति को मार देने की खबर जैसे ही फैली दुनिया भर में इसे लेकर प्रतिक्रिया तेज हो गई, इस द्वीप पर मारे जाने वाले व्यक्ति जॉन एलन चाऊ थे, इनका जन्म 18 दिसम्बर 1991 में हुआ था| यह एक अमेरिकी इजिल इसाई मिशनरी थे जो अपने धर्म से काफी प्रभावित थे| वे द्वीप पर रहने वालो को इसाई धर्म में परिवर्तित करने के उद्देश्य से वहां जाना चाहते थे, हलाकि आदिवासी जनजातियों का संरक्षण विनियम 1956 के तहत बिना सरकारी अनुमति के वहाँ जाना अवैध था|
लकिन 15 नवंबर को पहली बार चाऊ ने दो मछुआरों को 25,000 रुपे देकर उनके नाव से अवैध तरीके से द्वीप जाने का प्रयास किया जिसमे वो सफल रहे मछुआरे उन्हें द्वीप के करीब ले गए, पर उन्हें किनारे पर ना जाने की चेतावनी दी लकिन वो अपने साथ बाइबल लिए हुए वो किनारे पर चले गए पर वहा आदिवासियों ने उन पर हमला कर दिया जिसके कारन उन्हें वापिस लोटना पड़ा|
पर 16 नवंबर को चाऊ ने मछुआरों की सहायता से दूसरी बार द्वीप पर जाने का प्रयास किया लकिन इस बार वो अपने साथ आदिवासियों को देने के लिए कुछ उपहार साथ ले गए, किनारे पर पहुच कर चाऊ ने आदिवासियों के साथ संवाद करने का प्रयास किया लकिन वे लोग कुछ समझ नहीं पाए, फीर चाऊ ने बाइबल खोल कर अपनी भाषा में पढने लगे पर उन लोगो पर इसका कोई परभाव नहीं पड़ा, जिसके बाद वे उनसे इसरो के साथ संवाद करते है| और उन्हें उपहार देने की कोसिस करते है तो एक लड़के ने उनपर तीर से हमला कर दिया वो तीर उनके सिने के सामने रखी बाइबल पर लगी जिसके बाद वो पीछे हट गए| 17 नवंबर को चाऊ ने एक बार फीर से द्वीप पर जाने का फैसला किया इस बार वो किनारे पर पहुचकर मछुआरों को उनके बिना वापिस लौट जाने का निर्देश दिया, कुछ दूर जाने के बाद मछुआरों ने उन आदिवासियों द्वारा किसी को घसीटटे हुए देखा| अगले ही दिन चाऊ का शव किनरे पर देखा गया, बाद में मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया गया| ये सारी बातें हमें उनकी डायरी से पता चलती है जो की वो आखरी बार द्वीप पर जाने से पहले नाव में छोड़कर गए थे, जिसे मछुआरों से पुलिस ने ले लिया था|
सेंटिनल द्वीप के आदिवासी – sentinel island aborigines

सेंटिनल द्वीप के आदिवासी किसी भी बाहरी वयक्ति को अपने द्वीप पर आने नहीं देते है, द्वीप के नजदीक आने पर वो हमला कर देते है. या उस वयक्ति को मार देते है| ये आदिवासी खेती-बाड़ी करना नहीं जानते है. इसलिए ये लोग भोजन के लिए शिकार करना, मछली पकड़ना और जंगलो से फल एकत्रित करते खाते है| ये लोग अपने शारीर को ढकने के लिए पेड़ के पतों का इस्तेमाल करते हैं| ये लोग झुंड बनाकर रहना पसन्द करते हैं। इनकी भाषा को आज तक कोई और नहीं समझ पाया है|
नॉर्थ सेंटिनल द्वीप का रहस्य – Mystery of North Sentinel Island
नॉर्थ सेंटिनल द्वीप आज भी भारत का एक रहस्यमयी द्वीप बना हुआ है, आज भी हम वहां रहने वाले लोगो के बारे में पूरी तरह से नहीं जान पाए है| वहां पर रहने वाले लोग सुनामी तूफ़ान आदि से बाहरी लोगो के किसी सहायता के बिना भी सुरक्षित रह रहे है|